Guwahati famous visiting place in hindi

Guwahati famous visiting place in hindi


आपका दिल जीत लेगा गुवाहाटी

गुवाहाटी, भारत के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक है। प्राकृतिक सुंदरता के माहौल में शानदार छुट्टी बिताने की इच्छा रखते हैं तो आपको यहां जाने पर विचार करना चाहिए।


 हरे-भरे पहाड़ झरने एडवेंचर स्पोर्ट्स वन्यजीवों को देखना और मंत्रमुग्ध कर देने वाला ट्रैक... आपको किसी भी सूरत में यह शहर ऊबने नहीं देगा। इस शहर में आए तो जानें आपको क्या-क्या देखना चाहिए?




नॉर्थ ईस्ट का नाम मन में आते ही सबसे पहले जिस शहर का  ख्याल मन में आता है वो है गुवाहाटी। उजली सी पहाड़ों वाली शामी लिए यह सब लोगों की ट्रैवलिंग लिस्ट के टॉप 10 में शामिल हो चुका है। 


मेरा लिस्ट भी इसके बिना अधूरा था इसलिए तो मैं भी 2 साल पहले सोलो ट्रिप गुवाहाटी की ओर चल पड़ा था, इसकी खूबसूरती और देशी अंदाज को महसूस करने के लिए। मैंने दिल्ली से गुवाहाटी का फ्लाइट लिया था।


 एयरपोर्ट से निकलकर होटल की ओर जाते ही मुझे इस यात्रा के सुखद होने का एहसास हो गया था। 

 

इस यात्रा में मेरे साथ सुकून, प्रकृति और इस सुंदर धरती को ज्यादा से ज्यादा देख लेने की चाहत शुमार थी। 


कहने को seven सिस्टर्स स्टेट प्रकृति की गोद में बसे हैं लेकिन गुवाहाती में आपको प्रकृति के साथ आधुनिकता की छाप भी दिखेगी।


फेरी से उमानंदा द्वीप तक का सफर



गुवाहाटी शहर के बीच से होकर बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी पर बना उमानंद द्वीप दुनिया के सबसे छोटे द्वीपों में गिना जाता है।


 ब्रिटिशों ने इस द्वीप को पीकॉक द्वीप नाम दिया था। माना जाता है कि इस स्थान पर ही भगवान शंकर की तपस्या भंग करते हुए कामदेव भस्म हो गए थे। इसलिए यहां उमानंद मंदिर भी है। 


इसकी सुंदर वास्तुकला और मूर्तियां इस शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनाती है। 


ब्रह्मपुत्र नदी की सुंदरता के बीच पीकॉक दूरी पर बने इस मंदिर तक पहुंचने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी के पानी पर नाव की सवारी सबसे रोमांचक अनुभवों में से एक था। 


नदी के बीच में फेरी का सफर करते हुए शिव जी के दर्शन करने जाना मेरे लिए अनोखा एहसास था। 


ये फेरी सुक्लेश्वर घाट और फैंसी बाजार घाट से मिल जाती है और आपको ब्रह्मपुत्र नदी की सैर का अद्भुत अनुभव कराती है।



 उमानंदा करीब 500 साल पुराना मंदिर है। आईलैंड के भस्म काला हील के तौर पर बने इस मंदिर से शहर का नजारा देखकर ऐसा लगता है मानो आसपास जन्नत बिखरी पड़ी हो।


खास बात यह है कि यह मंदिर 1897 में भूकंप के चलते नष्ट हो गया था लेकिन लोगों की आस्था ऐसी थी कि लोगों ने इसे दोबारा बनवा दिया।


म्यूजियम में इतिहास की झलक


आस्था के सागर में गोते लगाने के बाद अब बारी थी इतिहास का स्वाद चखने की।


 दरअसल उत्तर पूर्वी राज्यों की संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत के बारे में और भी कुछ जानना चाहती थी, और वह चाहत म्यूजियम में आकर पूरी भी हुई।


 अपने ऐतिहासिक कलाकृतियों और पांचवीं शताब्दी की मूर्तियों के शानदार संग्रह के कारण यह म्यूजियम पर्यटकों को खास आकर्षित करता है। यहां पर द्वितीय विश्व युद्ध से जुड़े आर्टिफैक्ट भी मिल जाएंगे।


कामाख्या मंदिर बिना यात्रा अधूरी



वैसे तो गुवाहाटी आने से पहले मैंने इस मंदिर के बारे में काफी कुछ सुन रखा था। इसलिए यहां आना तो बनता था।


  ये मंदिर गुवाहाटी शहर से सिर्फ 4 किलोमीटर दूर है जो गुवाहाटी ही नहीं असम की पहचान है। इस मंदिर के दर्शन किए बिना यह यात्रा पूरी होनी ही नहीं थी. इसलिए इस प्रसिद्ध शक्ति पीठ की ओर मेरे कदम खुद-ब-खुद बढ़ चले थे।





 इस मंदिर का धार्मिक महत्व तो है ही साथ ही इसकी बनावट भी पर्यटकों को आकर्षित करती है। इसे आठवीं से 17वीं शताब्दी के बीच कई बार बनवाया गया और अब तो स्ट्रक्चर बन कर तैयार हुआ है, वो आपका दिल जरूर जीत लेगा।


 यहां पर आपको साधारण कार्विंग के साथ रंग बिरंगे फूल उकेरे गए हैं, तो बड़े गुंबद के पीछे नीलांचल की पहाड़ियां भी दिखती है। 


यह पूरा मेल यहां के माहौल को और भी खुशनुमा बना देता है। मैं इस मंदिर में जून के महीनों में गया था, तब यहां अंबुबाची फेस्टिवल होता है। इस दौरान यहां का माहौल ही अलग होता है।


चिड़ियाघर भी है खास


गुवाहाटी का चिड़ियाघर भी कम खास नहीं है। यहां आकर वाइल्ड लाइफ के बारे में आपने जो कुछ भी अभी तक सुना था, तो वह सब आपकी आंखों के सामने होगा। 


430 एकड़ में फैला ये चिड़ियाघर हेंगराबारी फॉरेस्ट एरिया के घने जंगलों में है और शहर के बीच में ही है।


 यह जगह देख कर लगता है मानो प्रकृति ने आशीर्वाद ही दे दिया हो, शायद इसलिए इस जगह को ग्रीन लंग ऑफ द सिटी करते हैं। 


 यहां पर आपको 113 प्रजातियों के जानवर देखने का मौका मिलेगा। इन सभी प्रजाति के करीब से  जानवर और पक्षी इस खूबसूरत जगह पर रहते हैं। 



 बहुत कम देखने वाला एक सींग का गेंडा भी आपको यहां नजर आ सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं ऑस्ट्रेलिया का कंगारू, अफ्रिका का शुतुरमुर्ग भी देखा जा सकता है। 


मैंने तो इन जानवरों को पहली बार सामने से देखा था तो मेरा रोमांच ही बिल्कुल अलग किस्म का था।


 यहां परिवार या दोस्तों के साथ दोपहर बिताना नि:संदेह है यादगार पल साबित होगा।


ब्रह्मपुत्र पर लें क्रूज का मजा


इतना कुछ देखने के बाद ब्रह्मपुत्र नदी पर क्रूज से सैर करना मानो 'चेरी ऑन द टॉप' का काम करता है।


 पूरे शहर को घूमने के बाद वापसी से पहले इस यात्रा पर निकलना मेरा सबसे अच्छा निर्णय था। 


तिब्बत, बांग्लादेश और इंडिया के बीच बहने वाली इस नदी पर क्रूज की यात्रा करते हुए आपको कई ना भूलने वाले अनुभव होंगे। 


जैसे आप इस यात्रा के दौरान खूबसूरत सनसेट देख सकते हैं। अस्त होता सूरज देखने के लिए तो लोग खास इसी वक्त यहां आते हैं। 


इस क्रूज पर कैंडल लाइट डिनर का विकल्प भी मिलता है और मस्ती में झूमने के लिए डांस का भी।



इसके अलावा चेरापूंजी, असम में गुवाहाटी के आसपास सबसे अच्छा पर्यटन स्थल है। यदि आप एकांत झड़ने के अनुभव की तलाश में है तो सुनिश्चित करें कि चेरापूंजी आप की बकेट लिस्ट में सबसे ऊपर हो।



 यहां की आस पास की सुखद हवा मन को असीम शांति देती है। गुवाहाटी तारामंडल शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है, जहां जाकर ब्रह्मांड की झलक भी देखने को मिलेगी आपको।


एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए गुवाहाटी की कॉमेंट नदी में राफ्टिंग की शानदार व्यवस्था है, जहां पर्यटकों की भीड़ देखी जा सकती है।


शॉपिंग की कुछ खास जगहे


अगर आप कभी दिल्ली के चांदनी चौक गए हैं तो आपको गुवाहाटी के फैंसी बाजार में वहां की झलक जरूर मिलेगी।





 यह जगह स्ट्रीट शॉपिंग के नजरिए से बेहतर है। जहां के आर्टिफिशियल ज्वेलरी रंग बिरंगी क्षत्रिय और उत्तर-पूर्व का मशहूर वस्त्र मेखला चादर खरीद सकते हैं।


 इसके अलावा पान बाजार पलटन बाजार और उजन बाजार काफी अच्छे हैं। यहां सस्ता सामान मिलता है।


कब और कैसे जाएं गुवाहाटी?


यूं तो गुवाहाटी में पर्यटकों का आना-जाना सालों भर लगा रहता है, लेकिन गुवाहाटी आने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है। इस मौसम में गुवाहाटी का तापमान भी अनुकूल रहता है। 


गुवाहाटी पहुंचने के लिए वायु मार्ग और रेल मार्ग दोनों सुविधाजनक है।


 गोपीनाथ बारडोलाई inertnational airport यहां का व्यस्त हवाई अड्डा है।


इसके अलावा गुवाहाटी रेलवे स्टेशन भी है जहां कई राज्यों से ट्रेन आती है।


 यहां से आप राज्य के दूसरे हिस्से में बस या टूरिस्ट वाहन से जा सकते हैं।



Newest
Previous
Next Post »

Post kaisa lga jarur btay ConversionConversion EmoticonEmoticon