जानिए क्या नया है इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में।
National education policy 2020 | rashtriya shiksha niti 2020
मानव संसाधन एंव विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय रखा गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 वर्तमान की 10+2 वाली स्कूली व्यवस्था को बदल कर 3 से 18 साल के सभी बच्चों के लिए पाठ्यचर्चा और शिक्षण शास्त्रीय आधार पर 5+ 3+3+4 की नई व्यवस्था में पुनर्गठित करने की बात करती है जिसके अंतर्गत 5+3+3+4 foundational, proparatoy, middle और secondary education के रूप में विभाजित किया गया है।
5+3+3+4 में 5 से तात्पर्य 3 से 8 वर्ष के बच्चों से हैं जिसमें प्रथम 3 वर्षों का फाऊंडेशनल कोर्स आंगनवाड़ी/ प्रीस्कूल या बाल वाटिका में कराया जाएगा और 2 वर्ष स्कूल कक्षा का 1 और 2 होगा।
3 का तात्पर्य 8 से 11 वर्ष के बच्चों से है जिसमें तीसरी चौथी एवं पांचवी की शिक्षा दी जाएगी।
उसके बाद के 3 से तात्पर्य 11 से 14 वर्ष के बच्चों से है जिन्हें छठी सातवीं और आठवीं कक्षा पढ़ाई जाएगी।
4 का तात्पर्य 14 से 18 वर्ष के बच्चों से हैं जिसमें कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं एवं 12वीं की शिक्षा दी जाएगी जिसमें बच्चे अपनी रूचि के अनुसार विषय ले सकते हैं और बदल भी सकते हैं।
वर्तमान में 3 से 6 वर्ष की उम्र के बच्चे 10+2 स्कूल व्यवस्था में शामिल नहीं है क्योंकि 6 वर्ष के बच्चों को कक्षा 1 में दाखिला होता है।
नए 5+3+3+4 में 3 वर्ष के बच्चों को शामिल कर प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) की मजबूत बुनियाद को शामिल किया गया है जिससे आगे चलकर बच्चों का विकास बेहतर हो और वे उपलब्धियों को हासिल कर सके और जीवन में खुशहाल हो।
👉 ECCE की जिम्मेदारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय /MHRD, महिला और बाल विकास (WCD), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MHFW), जनजातीय कार्य मंत्रालय को दी गई है।
👉 ECCE ( Early childhood care and education) प्रणाली लागू किया जाएगा। उन्हें भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयाार किया। ईसीसीई बच्चों केे सीखने की नींव है। बच्चों केे मस्तिष्क 85% विकास 6 वर्ष की अवस्था सेेेे पहले ही हो जाता है।
बच्चों के मस्तिष्क के उचित विकास और शारीरिक वृद्धि को सुनिश्चित करने के लिए 6 वर्षों को महत्वपूर्ण माना जाता है। ECCE में मुख्य रूप से बच्चों को खेल आधारित, खोज आधारित व गतिविधि आधारित शिक्षा दिया जाएगा।
जैसे बच्चों को आप भाषा, संख्या, गिनती, आंकड़ा, आकार, खल, पेंटिंग, चित्रकला, पहेलियां, तार्किक सोच, संगीत, नैतिकता इत्यादि की शिक्षा व्यवहारिक जीवन से जोड़ कर दी जाएगी।
👉 आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों/ शिक्षकों को NCERT द्वारा विकसित पाठ्यक्रम/ शिक्षण शास्त्रीय फ्रेमवर्क के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा।
👉 10+2 और उससे आधी की योग्यता रखने वाले आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व शिक्षकों को 6 माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा और उससे कम योग्यता रखने वाले आंगनबाड़ी कर्मियों शिक्षकों को 1 साल का डिप्लोमा कोर्स कराया जाएगा।
👉 जब बच्चे 3 साल का फाउंडेशन कोर्स कर लेंगे तब उनका पहली कक्षा में दाखिला होगा और दाखिला होने से पहले एनसीईआरटी के द्वारा विद्यार्थियों के लिए 3 माह का प्ले आधारित स्कूल तैयारी मॉडल बनाया जाएगा जिसमें देखा जाएगा कि बच्चे अक्षर, ध्वनियां, शब्द, रंग, आकार, संख्या इत्यादि पहचान पा रहे हैं या नहीं।
इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि सभी विद्यार्थी स्कूल के लिए तैयार है या नहीं।
👉 5वी तक की शिक्षा बच्चों की मातृभाषा में या उनकी बोलचाल की भाषा में दी जाएगी और यह राज्य सरकार तय करेगी कि कौन सी भाषा में उनको शिक्षा देनी है।
👉 पहले की शिक्षा नीति में अंग्रेजी पर विशेष ध्यान दिया जाता था, बच्चों के साथ उनके अभिभावक का भी साक्षात्कार लिया जाता था। परंतु नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार अंग्रेजी की पढ़ाई की अनिवार्यता नहीं होगी अंग्रेजी और एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा।
👉 बच्चों को भविष्य में आने वाली प्रतियोगी परीक्षा के अनुकूल बनाने के लिए 6वी कक्षा से कंप्यूटर सीखने का मौका मिलेगा जिसमें विद्यार्थी कंप्यूटर कोडिंग भी सीख सकते है।
👉 अगर बच्चे की किसी भी क्षेत्र में विशेष रुचि होगी तो उनको उस क्षेत्र में सीखने का भरपूर मौका दिया जाएगा इसके लिए इंटर्नशिप का अवसर दिया जाएगा।
👉 Rashtriya Shiksha niti 2020 के अनुसार कैसे होगा बोर्ड की परीक्षा?
पहले बच्चे 9वी कक्षा में जाते थे और दसवीं कक्षा की बोर्ड exam की तैयारी करते थे और नवमी की पढ़ाई पूरी नहीं करते थे। ठीक इसी प्रकार बच्चे 12वीं बोर्ड की परीक्षा की तैयारी 11वीं कक्षा में ही शुरु कर देते थे और गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई नहीं कर पाते थे इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में परीक्षा प्रणाली में संशोधन किया गया जिसमें 9वीं से 12वीं तक की परीक्षा सेमेस्टर प्रणाली द्वारा या मॉड्यूल आधारित होगी।
👉 छात्रों के व्यवहार उनके पाठ्य सहगामी क्रियाओं के अवलोकन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जिससे बच्चों का सर्वांगीण विकास होगा।।
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👉 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार बच्चों का रिपोर्ट कार्ड किस प्रकार तैयार किया जाएगा?
रिपोर्ट कार्ड का निर्माण बालक के समग्र अवलोकन द्वारा निर्मित किया जाएगा न कि सिर्फ हर विषय के अंक दिए जाएंगे। रिपोर्ट कार्ड का निर्माण 360-degree आकलन एवं अनुकूलित आकलन के आधार पर किया जाएगा अर्थात बच्चों का संपूर्ण आकलन किया जाएगा।
👉 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार परीक्षा किस भाषा में देनी होगी?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार परीक्षा अपने पसंद की भाषा में देने की स्वतंत्रता प्रदान की जाएगी यानी कि सीबीएसई, आईसीएसई इत्यादि बोर्ड के बच्चे अपने विचारों की अभिव्यक्ति खुलकर अपनी भाषा में कर सकेंगे।
👉 जो बच्चे विद्यालय आने में अक्षम है उनके लिए NIOS की भी व्यवस्था की गई है।
👉 राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार छात्रों का आकलन किस प्रकार होगा?
छात्र स्वयं अपना व उनके सहपाठी और शिक्षक तीनों मिलकर प्रत्येक विद्यार्थी का आकलन करेंगे।
👉 दसवीं और 12वीं फेल बच्चों के लिए CAT प्रणाली लागू किया जाएगा। Common Aptitude Test में बच्चों के बोर्ड परीक्षा के अंक को जोड़कर पास कराया जाएगा ताकि बच्चे आगे की पढ़ाई बिना बाधा के कर सकेंगे।
👉 कॉलेज लेवल पर multi entry और multi exit की व्यवस्था लागू की जाएगी।
जिसमें बच्चे अगर कला विषय लिए हुए हैं और उन्हें विज्ञान पढ़ने की इच्छा है तो वे अगले साल में विज्ञान भी पढ़ सकते हैं इस तरह से इसे multi entry कहेंगे।
इसके लिए academic credit Bank जैसे डिजिटल लॉकर की व्यवस्था होगी जहां marks रखा जाएगा और द्वितीय वर्ष यानी विज्ञान का अंक जोड़ दिया जाएगा जिससे बच्चों को भविष्य में आने वाली चुनौतियों के लिए अनुकूल बनाएगी।
👉 Graduation में वर्ष के आधार पर प्राप्त कर सकेंगे शैक्षिक उपलब्धि।
1 वर्ष करने पर certificate course दिया जाएगा।
2nd year करने पर diploma course का certificate दिया जाएगा।
3 वर्ष करने पर bachelor course का certificate दिया जाएगा।
4 वर्ष ( optional ) करने पर डिग्री के साथ रिसर्च का certificate दिया जाएगा।
इससे बच्चों का कोई भी वर्ष बर्बाद नहीं जाएगा। कहीं भी जाकर अगले वर्ष की पढ़ाई पिछले वर्ष के सर्टिफिकेट को दिखाकर को जारी रख सकते हैं।
👉 उच्च शिक्षा संस्थानों में मानविकी, कला व संस्कृत की शिक्षा पर विशेष रूप से जोड़ दिया जाएगा।
👉 आप सभी के मन में यह प्रश्न आता होगा कि क्या राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार स्कूल/ कॉलेज की फीस में बढ़ोतरी की जाएगी?
दोस्तों, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार स्कूल /कॉलेज निर्धारित फीस से ज्यादा अब नहीं वसूल पाएंगे। इसमें राहत की बात यह है कि शिक्षा का अब व्यवसायिकरण नहीं किया जाएगा।
👉 सभी के लिए सामान्य साक्षरता व संख्यात्मक ज्ञान से जोड़ा जाना 2025 एक लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए राज्य सरकार को जल्द से जल्द शिक्षकों की नियुक्ति करनी होगी और नियुक्ति की प्रक्रिया निश्चित समय अंतराल में ही पूरा करना होगा।
👉 सामान्य कक्षा में छात्र और शिक्षक का अनुपात 30:1 रखा गया है यानी कि 30 बच्चे की कक्षा में 1 शिक्षक का होना अनिवार्य है।
👉 सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्र में छात्र और शिक्षक का अनुपात 25:1 रखा गया है।
👉 कक्षा स्तर से नीचे के बच्चों को मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान सिखाने से शिक्षकों को सतत् व्यवसायिक विकास ( सीपीडी) के साथ उत्साहित और प्रशिक्षित किया जाएगा।
👉 दीक्षा/ DIKSHA/ Digital infrastructure for knowledge sharing में शिक्षक / शिक्षिका digital way मैं आपस में अंतःक्रिया करेंगे और अपने ज्ञान को शेयर करेंगे।
👉 बच्चों को प्रभावी रूप से सीखने सिखाने की प्रक्रिया शिक्षकों की देखरेख में पियर ट्यूटोरिंग का आयोजन कराया जाएगा जिसमें बच्चे अपने सहपाठी से अंतर क्रिया करेंगे और शिक्षण प्रभावी बनेगा।
👉 Digital library और school library पर जोर दिया जाएगा।
👉 National education policy 2020 में ड्रॉपआउट बच्चों की संख्या को कम करने के लिए सभी विद्यालय में फाऊंडेशनल stage से लेकर कक्षा बारहवीं तक शिक्षा दी जाएगी जिससे बच्चों को बीच में स्कूल ड्रॉपआउट करने से रोका जा सके।
👉 आलोचनात्मक चिंतन विकसित करने के लिए पाठ्यक्रम के भार को कम किया जाएगा अर्थात जिस विषय का हमारे व्यावहारिक जीवन में कोई उपयोग नहीं है उसे हटा दिया जाएगा और जिसका व्यवहारिक जीवन में उपयोग है उसे शामिल किया जाएगा और गतिविधि आधारित शिक्षा दिया जाएगा।
👉 त्रीभाषा ज्ञान पर जोर दिया जाएगा।
👉 सभी स्कूली शिक्षा के दौरान न केवल 10वीं और 12वीं के अंत में परीक्षा देनी होगी बल्कि 3,5,8 मे भी परीक्षा देनी होगी जिसमें रचनात्मकता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
👉 जाने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षक कौन बनेगा?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार शिक्षक बनने के लिए 4 वर्षीय b.ed करना होगा। टीईटी 2 स्तरों ( प्राथमिक व माध्यमिक) से बदलकर 4 स्तरो (बुनियादी प्रारंभिक मिडिल व माध्यमिक) में विस्तृत किया जाएगा।
अपने विषय से संबंधित टीईटी परीक्षा पास करना होगा व STET qualify करना होगा और शिक्षण के प्रति जोश और उत्साह को जांचने के लिए साक्षात्कार/ अच्छा नहीं पढ़ाने का प्रदर्शन देखा जाएगा। इन सभी को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग माना गया है।
👉 शिक्षक को समय समय पर खुद में सुधार लाने के लिए और आधुनिक विचार व नवाचार को सीखने के लिए स्वेच्छा से सतत् व्यवसायिक विकास (सीपीडी) में 50 घंटे देना होगा।
👉 Mid day meal के लिए पूर्व प्राथमिक शिक्षा पर भी लागू करने के लिए आरटीई में बदलाव किया जाएगा और इसके साथ पोषण युक्त नाश्ता (अंकुरित आहार) भी दिया जाएगा।
👉 RTE ( Right to education) में अब 6 से 18 वर्ष के बच्चों को शामिल किया जाएगा।
👉 शिक्षा पर जीडीपी का 6% खर्च किया जाएगा।
👉 IIT college/ AIMS college में कला, वाणिज्य व विज्ञान सभी विषय पढ़ाए जाएंगे।
तो दोस्तों, मुझे उम्मीद है कि आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा। अगर आपके मन में इस पोस्ट से संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो बेझिझक पूछ सकते हैं। आज का यह पोस्ट कैसा लगा हमें जरूर बताएं। अगर आपको यह पोस्ट informative लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ शेयर और follow जरूर करें।
1 comments:
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